त्योहारी सीजन में रिटेल लोन की ऊंची मांग की उम्मीद में बैंक एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं
वित्त वर्ष 2023 में 1 से 3 साल की अवधि के दौरान सावधि जमा की हिस्सेदारी कुल बकाया का 64 प्रतिशत हो गई है
बैंकिंग सिस्टम में सरप्लस लिक्विडिटी का आंकड़ा 1 लाख करोड़ के पार.
छोटी बजत योजनाओं के लिए अगर बाजार के हिसाब से फॉर्मूला बना हुआ है तो उसे पूरी तरह से लागू किया जाए तभी बैंक जमाकर्ताओं के लिए बराबर का मौका तैयार होगा
Bank Deposits:2019-20 में एनआरआई डिपॉजिट 7977 करोड़ रुपये जमा हुआ था.जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा सिर्फ 74 करोड़ रुपये रहा
बैंकों के फंड्स की लागत घटाने के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर घटाना जरूरी है, लेकिन इसका कमजोर तबके पर बुरा असर होगा.
कोविड की दूसरी लहर के चलते लोग अब बैंक में पैसा जमा करने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं, लोगों ने पैसे खर्च करने से हाथ खींच लिए हैं.